देहरादून निवासी अक्षिता भट्ट बनीं उद्यान विकास अधिकारी, बिना किसी कोचिंग हासिल की सफलता

देहरादून: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के बुधवार को जारी परिणाम में कारगी निवासी अक्षिता भट्ट ने सफलता हासिल की है। बिना किसी कोचिंग के पहले ही प्रयास में यह परीक्षा पास करने वाली अक्षिता का चयन उद्यान विकास अधिकारी के पद पर हुआ है। इससे पहले अक्षिता ने लोअर पीसीएस परीक्षा भी पहले ही प्रयास में पास की थी।

वर्तमान में वह खाद्य संरक्षा विभाग में मार्केटिंग इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने इस सफलता का श्रेय दादा स्व. चक्रधर भट्ट के साथ ही माता-पिता को दिया है। अपने परिवार में वह पहली हैं, जो इस पद तक पहुंचीं हैं।
मूलरूप से रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि की रहने वालीं अक्षिता भट्ट का परिवार देहरादून के कारगी में रहता है। उनकी माता उमा भट्ट रीप प्रोजेक्ट में कार्यरत हैं और पिता नीलकंठ भट्ट पेशे से पत्रकार हैं। उनकी प्राइमरी शिक्षा अगस्त्यमुनि में तो 11वीं और 12वीं गुरु राम राय पब्लिक स्कूल बाम्बे बाग से हुई है। इसके बाद उन्होंने बीएससी इन एग्रीकल्चर पंतनगर यूनिवर्सिटी से की और एमएससी बतौर जेआरएफ उदयपुर के महाराणा प्रताप विवि से की। इसके बाद नेट की परीक्षा पास की।

कुछ समय नौकरी करने के बाद उन्होंने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी शुरू की। अक्षिता ने लोअर पीसीएस की परीक्षा पहले ही प्रयास में पास की और वर्तमान में देहरादून में खाद्य संरक्षा विभाग में बतौर मार्केटिंग इंस्पेक्टर तैनात हैं।

अक्षिता ने बताया कि जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा उन्हें अपने दादा से मिली। कहा कि इस चयन से वह खुश हैं, लेकिन अभी उनका आगे बढ़ने का लक्ष्य खत्म नहीं हुआ है। अब वह संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की अगले साल होने वाली परीक्षा की तैयारी कर रही हैं।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए अक्षिता ने कहा कि, अनुशासन, समय का सदुपयोग और निरंतरता से ही सफलता मिलती है। सही दिशा में सेल्फ स्टडी से भी सफलता मिलती है। अपने लक्ष्य को लेकर कभी भटके नहीं। अगर कोई लक्ष्य हासिल करने का सोच लिया है तो पूरी मेहनत और लगन से उसके लिए जुट जाएं।

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