देहरादून: देवभूमि में वर्षाकाल थमते ही चारधाम यात्रा ने जोर पकड़ लिया है। बेहतर यात्रा प्रबंधन और सुरक्षा इंतजाम का ही असर है कि धामों में दर्शन के लिए यात्रियों का उत्साह देखते ही बनता है। सोमवार को ही 20497 श्रद्धालु धामों में दर्शन के लिए पहुंचे, जिनमें 7350 सर्वाधिक यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे थे। इस वर्ष अभी तक यात्राकाल के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो 37.91 लाख यात्री दर्शन के लिए चारधाम आ चुके हैं। यात्रियों में जिस तरह का उत्साह है, उससे लगता है कि यात्रा इस बार नए प्रतिमान स्थापित करेगी। यात्रा नवंबर तक चलनी है।
चारधाम यात्रा इस बार 17 दिन देर से प्रारंभ हुई। गत वर्ष 23 अप्रैल को यात्रा शुरू हुई थी, जबकि इस बार 10 मई को गंगोत्री, यमुनोत्री व केदारनाथ धाम के कपाट खुले, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को। शुरुआती दौर में यात्रा के दौरान गंगोत्री, यमुनोत्री में दिक्कतें भी आईं, लेकिन सरकार ने जल्द ही इन्हें दूर करा लिया। नतीजतन यात्रा निर्बाध चलती रही।
वर्षाकाल प्रारंभ होने पर बीती 31 जुलाई को केदारघाटी में आपदा भी आई, जिसे सरकार ने चुनौती के रूप में लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं मोर्चा संभाला और प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के साथ ही मशीनरी को सक्रिय रखा। यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाया गया तो केदारघाटी में तेजी से स्थिति सामान्य करने के साथ ही पैदल यात्रा मार्ग को दुरुस्त कर यात्रा शुरू की गई। इससे यात्रियों में सरकार के प्रति भरोसा जगा है, जो उनके उत्साह से साबित होता है।
सुगम, सुरक्षित, सुलभ और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। देश-विदेश से हर साल लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं। उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करने को सरकार प्रतिबद्ध है। चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से जुड़ी है। जिस तेजी से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देना होगा। इसकी कसरत शुरू कर दी गई है। इस बार केदारघाटी में आपदा के चलते व्यवस्था प्रभावित हुई, लेकिन सरकार ने इस कठिन चुनौती का दृढ़तापूर्वक सामना कर यात्रा को बहाल किया।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड
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