देहरादून: पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस कार्मिकों के मासिक आहार भत्ते में 100 रुपये और नौ हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर तैनात पुलिस एवं एसडीआरएफ के जवानों का उच्च तुंगता भत्ता 300 रुपये प्रतिदिन करने की घोषणा की। साथ ही निरीक्षकों और उप-निरीक्षकों को पांच वर्ष में एक बार मिलने वाला वर्दी भत्ता 3500 रुपये बढ़ाकर 7500 रुपये कर दिया है। वर्दी भत्ता अब तक 4,000 रुपये मिलता था। वहीं मासिक आहार भत्ता कार्मिक की श्रेणी के हिसाब से अलग-अलग है। उच्च तुंगता (हाई एल्टीट्यूड) भत्ता वर्तमान में 200 रुपये प्रतिदिन था। मुख्यमंत्री ने पुलिस कार्मिकों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 100 करोड़ रुपये देने की घोषणा भी की।
देहरादून पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस और अर्द्धसैन्य बलों के बलिदानियों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बलिदानी पुलिस जवानों के स्वजन को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने का संपूर्ण उत्तरदायित्व राज्यों के पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों का है। विगत एक वर्ष में देश में कुल 216 पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों के जवानों ने बलिदान दिया। जिसमें उत्तराखंड पुलिस के चार वीर जवान भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से पुलिस को लगातार मजबूत किया जा रहा है। राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की एक कंपनी स्वीकृत करते हुए 162 पदों का सृजन किया है। छह थानों और 21 पुलिस चौकियों के लिए 327 पद और पीपीएस ढांचे में 11 नए पद सृजित किए गए हैं। उप निरीक्षक स्तर के 222 पदों पर भर्ती निकाली गई है, जबकि 2000 सिपाहियों की भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित है। राज्य में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए उत्तराखंड खेल नीति के अंतर्गत कुशल खिलाड़ी कोटे में भी पुलिस विभाग में भर्तियां की जाएंगी।
बढ़ते साइबर अपराध पर जताई चिंता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराध पर चिंता जताई। कहा कि साइबर अपराध बड़ा खतरा बन चुका है। पुलिस को इस दिशा में सजगता दिखानी होगी। तकनीकी रूप से खुद को अधिक दक्ष करना होगा। बता दें कि, पिछले दिनों प्रदेश के डाटा सेंटर पर साइबर हमला हुआ था। जिसकी वजह से एक हफ्ते तक सरकारी कामकाज ठप रहा था।
अगले वर्ष तक ड्रग्स फ्री होगा प्रदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष-2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री प्रदेश बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए उत्तराखंड पुलिस के अधीन एक त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक फोर्स गठित की गई है। इस वर्ष 1100 से अधिक नशे के सौदागरों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए लगभग 23 करोड़ रुपये के नारकोटिक पदार्थ भी बरामद किए गए हैं।
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