हल्द्वानी: नैनी जन शताब्दी एक्सप्रेस में इमरजेंसी ब्रेक लगाकर 12 कोच में सवार करीब छह सौ यात्रियों की जान बचाने वाले लोको पायलट राजेश गौड़ गदरपुर के रहने वाले हैं। राजेश ने बताया कि मुरादाबाद से बिलासपुर तक ट्रेन की स्पीड 110 किमी प्रति घंटा थी। रुद्रपुर में एंट्री सिग्नल होम पर पहुंचते ही मैंने ट्रेन की स्पीड 50 कर दी थी। क्योंकि रुद्रपुर स्टेशन आने वाला था। ट्रेन की हेडलाइट अच्छी थी और दूर तक आसानी से दिख रहा था।
रुद्रपुर से दो किमी पहले मुझे लगा कि पटरी पर अजगर लेटा हुआ है। उसी की जान बचाने के लिए मैंने इमरजेंसी ब्रेक लगाए। मेरे सहायक पायलट अमित कुमार उसे हटाने को पहुंचे तो पता चला पटरी पर अजगर नहीं बल्कि लोहे का पोल रखा था।
राजेश गौड़ के अनुसार वह अक्सर रानीखेत एक्सप्रेस, जनशताब्दी, लालकुआं व मुरादाबाद पैसेंजर ट्रेन को लेकर निकलते हैं। बुधवार की रात जन शताब्दी एक्सप्रेस में वह मुरादाबाद से लोको पायलट के रूप में ट्रेन को लेकर रवाना हो गए।
बिलासपुर को पार करने के बाद जंगल में पुल का काम चल रहा है। इसलिए ट्रेन की गति धीमी की गई थी। ट्रेन रुद्रपुर की ओर बढ़ रही थी। रुद्रपुर पहुंचने से पहले रास्ते में पटरी पर मैंने समझा कि अजगर लेटा हुआ है। जिसकी जान बचानी चाहिए। इसलिए इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए।
ट्रेन के रुकते ही मैंने सहायक लोको पायलट अमित कुमार यादव से अजगर को दूर से लकड़ी से भगाकर चले आओ। वहां लोहे का पोल मिलने पर उसे हटाया और ट्रेन लेकर आगे बढ़े। इसी बीच रेलवे के अधिकारियों को पूरे घटनाक्रम से अवगत करा दिया था। अगर ट्रेन की हेडलाइट अच्छी नहीं होती तो खतरा भी हो सकता था। स्पीड अधिक नहीं थी इसलिए उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक मारे तो ट्रेन का इंजन व कोच अपनी जगह थम गए थे। राजेश ने कुछ साल पहले उत्तर प्रदेश में पटरी पर सोए व्यक्ति की जान बचाई थी। इसी तरह एक बार मवेशियों के झुंड को भी ब्रेक लगाकर बचाया।
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